श्री मणि लक्ष्मी धाम – जैन तीर्थ
श्री जवाहरलाल ओसवाल, चेयरमैन
अनंत जन्मों की संचित पुण्य की राशि का जब उदय होता है तब मनुष्य के मन मंदिर में शुभ मसावों की ऊमिर्या लहराती हैं। ऐसा ही कुछ स्वर्णीम पृष्ठ आलेखित हुआ हैं आपके जीवन में..
श्री जवाहरलाल जी ओसवाल नाम एक ऐसा व्यक्तित्व है जो कि न सिर्फ पंजाब बल्कि सम्पूर्ण उत्तर भारत की शान है | सफल उद्योगपति होने के साथ-साथ साहित्यरसिक, भावनाशील एवं उदारतापूर्ण स्वभाव के सर्वोपरि श्रेष्ठीवर्य आपने गच्छाधिपति शांतिदूत गुरुदेव के एक संकेत मात्र पर जैन समाज के लिए विशेषकर लुधियाना और उत्तर भारत के लिए जो किया है वह बेमिसाल है |
श्री मणि लक्ष्मी धाम बनाने में आपकी मुख्य भूमिका रही | आपने इस तीर्थ में अनेकविध सहयोग के अलावा 52 कमरों की धर्मशाला, विशाल भोजनशाला, सुविशाल प्रवचन हॉल, साधु-साध्वीबृंद के लिए उपाश्रय आदि स्व द्रव्य से बनवाकर श्री सर्वमंगल ट्रस्ट को सप्रेम सुपूर्द करने.
जा रहे हैं।
आप भारतीय उद्योग के एक बहुत बड़ें आधार स्तम्भ हैं | आपका प्रतिष्ठान नाहर ग्रुप ऑफ इण्डस्ट्रीज देश के अलग – अलग प्रांतों में फैला हुआ है, जिसमें लगभग 30,000 कर्मचारियों को रोजगार मिलता है । आपकी इन सेवाओं को देखकर ही सरकार एवं समाज ने आपको निम्नलिखित उपाधियों से नवाजा है…
1. Member of Punjab Planning Board by Punjab Govt.,
2. Udyog Ratna Award by Punjab Govt.,
3. Samaj Ratna Award by India Jain Committee
4. Founder Chief Patron JITO (Jain International Trade Organisation)
5. Chairman – Wool & Woollens Export Promotion Council
6. Director – Punjab National Bank
इसके अतिरिक्त आप अन्य कई संस्थाओं के संस्थापक एवं व्यवस्थापक भी हैं |
जहाँ शुभ भावों का समंदर लहराता हो वहाँ धर्म का अधिष्ठान अवश्य होता है | मानव सेवा, जीवदया, वैयावच्च के लिए आप हमेशा तत्पर रहते हैं, इसलिए आज आप धर्ममूर्ति सुश्राविका अपनी जन्मदात्री उपकारी माता के पुण्य नाम से एक विशाल मल्टी स्पेशलिटी मोहनदेई ओसवाल केंसर हॉस्पिटल, लुधियाना में चला रहे हैं | यह केंसर इलाज के लिए उत्तरी भारत में बहुपयोगी आलंबनरुप हॉस्पिटल हैं | आपकी धर्मपरायणा धर्मपत्नी श्रीमती अभिलाष ओसवाल की धर्म
प्रेरणा से आप संघ समाज के साथ-साथ जनकल्याण के कार्यों में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाते हैं |
आज हमारी इस संस्था और तीर्थ निर्माण में पग – पग पर आपश्री के साथ – सहयोग के कारण ही हम श्री आत्म-वल्लभ जैन सर्वमंगल ट्रस्ट को सुचारुरुप से चला रहे हैं और श्री मणि-लक्ष्मी धाम तीर्थ के अलावा कई और धार्मिक संस्थाओं को भी मूर्तरुप देते हुए गतिमान कर रहे हैं |
आपश्री के अथक प्रयास एवं भावनानुसार श्री मणि लक्ष्मी तीर्थ एक ऐसा धर्मस्थल बना है जो भव्य, पूज्य, और नयनाभिराम बनकर युगों – युगों तक जैन धर्म की प्रभावना के साथ आपके सुकृतों की स्मृति को तरोताजा बनाये रखेगा,
आपश्री शतायु हो.. दीर्घायु हो.. इसी तरह जिनशासन की सेवा एवं प्रभावना करते रहो, यही शुभेच्छा..!
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समस्त ट्रस्टीगणश्री आत्म-वल्लभ जैन सर्वमंगल ट्रस्ट